सबसे अच्छा इंग्लिश इंस्टीट्यूट! Resamwad English Academy ! Online and Offline

 

सबसे अच्छा इंग्लिश इंस्टीट्यूट ! 

Best English Coaching

 




Resamwad English Academy 

1. 32 Year's Proud and Brief History!

बत्तीस वर्षीय गर्वीला और संक्षिप्त इतिहास !

            यह संस्था संवाद इंग्लिश एवं टेक्निकल इंस्टिट्यूट नाम से 16 अप्रैल 1993 मध्य प्रदेश राज्य के बैतूल जिले में प्रहलाद परिहार सर के द्वारा आरम्भ की गयी थी। अब तक यहाँ हजारों विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं।  आरम्भ में यह संस्था एक टेक्निकल इंस्टिट्यूट के तौर पर काम करती थी जिसमे स्पोकन इंग्लिश भी पढाई जाती थी। इसमें मुख्यतः मोटर वाइंडिंग, इलेक्ट्रिक फिटिंग और रेडियो टीवी रिपेयरिंग सिखाई जाती थी। परन्तु कुछ सालों बाद टेक्निकल कोर्सेज बंद कर दिए गए और पूरी तरह इंग्लिश स्पीकिंग ही सिखाई जाने लगी साथ ही एम ए इंग्लिश लिटरेचर कोचिंग, स्कूल/कॉलेज ग्रामर, और प्रतियोगिता परीक्षा की इंग्लिश पढ़ाई जाती है ।

 

            यह इस क्षेत्र का सबसे बेहतर इंस्टिट्यूट है जहाँ उचित फीस में इंग्लिश सिखाई जाती है। अब तक हजारो विद्यार्थी इसका लाभ उठा चुके हैं। अफ़सोस की बात है की हमने अपने होनहार विद्यार्थियों का कोई प्रॉपर रिकॉर्ड नहीं रखा है जो आज देश विदेश में अनेक ऊँचे पदों पर कार्य कर रहे हैं। इनमे कई जज, वकील, प्रिंसिपल, डी एस पी, तहसीलदार, डायरेक्टर, इंग्लिश टीचर, ऑफिसर, जैसे महत्वपूर्ण पदों पर शासकीय एवं निजी संस्थानों में कार्य कर रहे हैं। हमारे विद्यार्थियों में सांसद और विधायक जैसे जन प्रतिनिधि भी शामिल हैं।   आरम्भ से ही हमने करेस्पोंडेंस कोर्स भी चलाये हैं जिस से दूर दराज के क्षेत्रों के विद्यार्थी भी अंग्रेजी सीखने में सफल रहे हैं। शिक्षा के साथ साथ हमने सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों से भी अपने विद्यार्थियों को जोड़े रखा है जैसे संगीत, वाद विवाद, भाषण, पिकनिक, लेखन आदि। 


हर चार महीने में एक बेस्ट स्टूडेंट अवार्ड दिया जाता है!

2. आज वर्तमान में हम क्या कर रहे हैं?
                        Call to join us : 9977577255

What are we doing at present ?

            आजकल हम अपनी संस्था में  ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यमों से इंग्लिश, पर्सनालिटी डेवलपमेंट और प्रतियोगी परीक्षाओं की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। यहाँ सभी तरह के विद्यार्थी जैसे - स्कूल / कॉलेज के  छात्र, बच्चे, गृहणियां, कामकाजी लोग आदि।  अर्थात यहाँ सभी प्रकार के लोग, सभी उम्र के लोग इंग्लिश सीखने आ रहे हैं। जो लोग बहुत दूर या गावों में रहते हैं और ऑफलाइन क्लास नहीं लगा पा रहे हैं उनके लिए हम ज़ूम एप्प पर ऑनलाइन क्लास भी चलाते हैं वो भी बहुत ही अफोर्डेबल  फीस में ! क्लास्सेस 40 मिनट, एक घंटा और दो घंटा के पीरियड में चलाई जाती हैं। 

फ्री नोट्स /बुक्स / ई बुक्स / डिजिटल सपोर्ट 

            हम अपने विद्यार्थियों को सभी जरुरी किताबें जो हमारे द्वारा ही प्रकाशित की जाती है प्रदान करते हैं जैसे व्यक्तित्व विकास द्वारा अमीर बनें, फंडामेंटल ऑफ़ इंग्लिश ग्रामर, नेसेसरी वर्ड पावर, रूल्स ऑफ़ ट्रांसलेशन, स्पीक इंग्लिश विथ कॉन्फिडेंस, आदि। इसके अतिरिक्त इंग्लिश मंथली मैगज़ीन, न्यूज़ पेपर आदि भी उपलब्ध कराते हैं। डिजिटल सपोर्ट के तौर पर हमने अपनी एक वेबसाइट और एक यू ट्यूब चैनल बना रखा है (rewaenglish.blogspot.com or Rewa English Academy) जिस पर आप आगे दी गयी लिंक पर क्लिक करके जा सकते हैं VertEnglish   या यू ट्यूब पर Vertex English Academy    ब्लॉग को बिना लिंक के गूगल पर तथा  वीडियो के लिए यू ट्यूब पर सीधे भी कोष्ठक में दिए हुए तरीके से भी सर्च कर सकते हैं। ब्लॉग पर आपको इंग्लिश सीखने की विस्तृत एवं महत्वपूर्ण लिखित सामग्री तथा यू ट्यूब पर आपको उसी के वीडियो मिल जायेंगे, जैसे ग्रामर, ट्रांसलेशन, सेल्फ राइटिंग, वोकैबुलरी, स्टोरी रीडिंग, पर्सनालिटी डेवलपमेंट टिप्स, इंटरव्यू स्किल, टेस्ट पेपर, दसवीं / बारहवीं के मॉडल पेपर, टेक्स्ट बुक के लेसन के क्वेश्चन आंसर, इंग्लिश लिटरेचर के नोट्स आदि। यदि आप हमारी ई बुक ''300 अंग्रेजी मुहावरे और उनका वाक्यों में प्रयोग '' ( 300 English Phrases and Their Use in Sentence / to buy or download it click here: 300 Phrases) डाउनलोड करना चाहते हैं तो मात्र 20 रूपये में प्राप्त करने  के लिए इस लिंक पर क्लिक करें : 300 Phrases and Their Use in Sentence



ऑफलाइन कोर्स के बराबर फ्री रिवीजन फैसिलिटी

पैटर्न ऑफ़ टीचिंग इन क्लास 

            हर दिन हम क्लास में आधा पीरियड ग्रामर ट्रांसलेशन और आधा पीरियड इंग्लिश स्पीकिंग का अभ्यास करते हैं जिसमे ग्रुप डिस्कशन, स्पीच, ड्रामा आदि शामिल होता है।  हम साप्ताहिक टेस्ट भी लेते हैं जिस से स्टूडेंट की प्रोग्रेस पता चलती रहे। कोर्स के अंत में एक मैन एग्जाम होता है उसके बाद एक सर्टिफिकेट दिया जाता है। कोर्स समाप्त होने के बाद उतने समय तक फ्री रिवीजन की सुविधा विद्यार्थी को दी जाती है। 

Course Duration : 

6 months (1 hour daily) 

3 months (2 hours daily)

Competitive Exams English

       (One Year Coaching)

Course Contents

1. Grammar and comprehension

2. Translation and Analysis 

3. Speaking

4. Self Writings

5. Group Discussion

6. Interviews and Speech

7. Personality Development Tips

8. Vocabularies and Story Translation



हमारे कुछ अति होनहार विद्यार्थी के नाम याददास्त के आधार पर यहाँ दिए जा रहे हैं : 

1. संतोषी पाटिल, जज,  2. लालमन  धुर्वे, तहसीलदार,  3. दीपक चौरासे , अकाउंट ऑफिसर, 4. डॉ योगेश पंडाग्रे , जन प्रतिनिधि,  5. प्रकाश धोटे सर, प्राचार्य  6. ज्योत्स्ना सोनी एवं उनकी बहन, इंग्लिश टीचर  7. कौसा जवने, शिक्षिका   8.  वर्षा मेश्राम, इंग्लिश टीचर  9. संजय डिगरसे (अकाउंटेंट एवं वकील ), 10 . टी आर साहू, वकील  11. मीना  बोथरा, हाउस वाइफ  12.  सुधाकर  बारस्कर, टी आई , आदि।

 नोट : इत्तफाक से हमने अपने सभी होनहार विद्यार्थियों का कोई विशेष रिकॉर्ड नहीं रखा इसलिए सबके नाम याद करके लिखना संभव नहीं  



कॅरियर गाइडिंग टेस्ट : 

            हम अपनी संस्था के माध्यम से बैतूल और आस पास के क्षेत्रों में जाकर सेमिनार करते हैं और बच्चों और बड़ों का कॅरियर गाइडिंग टेस्ट करते हैं जिस से यह पता लगाया जा सके कि किसी व्यक्ति को कौन सा विषय लेकर पढ़ना चाहिए या कौन से क्षेत्र में काम करना चाहिए जिस से निश्चित सफलता प्राप्त की जा सके और भविष्य में होने वाले कष्ट एवं असफलता से बचा जा सके। इस बारे में और ज्यादा जानने के लिए इस लिंक को क्लिक करें : Career Deciding Test !  



3.  संस्था संचालक ''प्रहलाद परिहार'' के बारे में :

            मेरा जन्म 26 मार्च 1967 को काठी नामक गांव में हुआ था जो मध्य प्रदेश राज्य के बैतूल जिले में स्थित है। मैंने अपना बचपन इसी गांव और आस पास के गावों जैसे गोबरेल और रिधोरा के खेतों और घास के मैदानों में खेलते हुए बिताया। लगभग छः साल की उम्र में मैं अपने पिता के साथ पाथाखेड़ा चला गया जो कि एक कोयला खदान का क्षेत्र है जहाँ करीब में सारणी नामक पावर हाउस स्थित है। मेरे पिता पाथाखेड़ा में सरकारी नौकरी करते थे। यह क़स्बा छोटी छोटी नदियों, झरनों, पहाड़ों, और जंगलों से घिरा हुआ है। यह आज भी सुन्दर है परन्तु अब इसकी रौनक फीकी पड़ रही है क्योंकि यहाँ तेजी से निजीकरण हो रहा है। 





            यहाँ मैं पहली क्लास से लेकर ग्यारहवीं क्लास यानि हायर सेकेंडरी तक पढ़ा जहाँ मेरे शिक्षकों में खास थे - हमारे प्रिंसिपल श्री कुंवर बहादुर सिंह, हमारी टीचर दीदी मीना चक्रवर्ती, बोबड़े सर, यादव सर, दत्ता मैडम, देशपांडे सर, स्वरुप सर, आदि। मैं एक बुद्धिमान विद्यार्थी रहा।  मैंने सबसे अच्छे मार्क्स प्राप्त करने के कारण कक्षा एक, पांच और आठ में स्कॉलरशिप और  इनाम प्राप्त किया। मैं लगातार खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेता रहा, खासतौर पर गायन में। हालाँकि मेरा मुख्य विषय मैथ-साइंस था परन्तु मेरी रूचि गायन, ड्राइंग, स्पीच  और कविता, कहानी लेखन में थी। मैंने स्कूल के दिनों में जो कविता लिखी थी उसे मैंने मिनी दीदी को और उनकी छोटी बहन उमा को दी थी जो अलग अलग स्कूल की किताबों में छपी थी। स्कूल में मीना दीदी हमें इंग्लिश पढ़ाती थी इसी कारण मेरी अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ हो सकी। मुझे किताबें पढ़ने का और चिंतन करने का हमेशा ही शौक रहा है। इसी कारण मैंने स्कूल के दिनों में ही  कोर्स  के अलावा भी बहुत सी विविध विषयों की किताबें पढ़ डाली थीं। पाथाखेड़ा एक बहुत सुन्दर जगह है मैं पला बढ़ा और जवान हुआ। उन दिनों की अनेक कहानियाँ हैं जो मैं किसी और पोस्ट में सुनाऊंगा क्योंकि यह एक प्रोफेशनल पोस्ट है। हमारे स्कूल में एक बार मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार और जानीवाकर भी आये थे चुनाव प्रचार के सिलसिले में।   मेरे यहाँ अनेक मित्र थे जो आज भी मुझसे कहीं न कहीं जुड़े हुए हैं, जैसे - रमेश मालवी, कलीराम पाटिल, राजकुमार राजपूत, कृष्णराव मागरदे, प्रशांत पांसे ( कांग्रेस मंत्री सुखदेव पांसे के चचेरे भाई ), महादेव देशमुख, संजय रॉय, शमीम अख्तर, राजेंद्र मोहोंती, अनिल शर्मा, अमरजीत सिंह, रणजीत सिंह, प्रताप, हेमंत, अनिल नायर, राजाराम, दीना नाथ, सुदामा, आदि। 

            1985 में हायर सेकेंडरी पूरी करने के बाद मैं पी ई टी की तैयारी के लिए भोपाल गया परन्तु मेरे अनेक मित्रों की तरह उसमे मेरा सिलेक्शन नहीं हो पाया।  फिर मैंने सोचा कि मैं ट्यूशन करके अपनी आगे की पढाई का खर्च खुद उठाऊंगा और भोपाल में ही रहूँगा परन्तु एक दिन अचानक प्रशांत मुझे लेने आ गया बोला कि तुम चलो तुम्हारे पापा ने तुम्हारा एडमिशन पॉलिटेक्निक में काटोल (नागपुर) में कर दिया गया है।  वहां मेरे अन्य मित्र भी थे। कुछ ही समय बाद मैं नागपुर के दत्ता मेघे कालेज चला गया इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा के लिए। हालाँकि मेरे पिता की तनख्वाह ज्यादा नहीं थी फिर भी उन्होंने मुझे बड़े शहर में पढ़ाया। मैं एक हिंदी माध्यम से पढ़ने वाला विद्यार्थी था परन्तु यहाँ सारे विषय इंग्लिश में थे। फिर भी हमने 1990 में अच्छे नंबर से डिप्लोमा लिया परन्तु उन दिनों सरकारी नौकरी हम में से किसी को भी नहीं मिली। कॉलेज के दिन बड़े अच्छे थे। हालाँकि हमारे पास ज्यादा पैसे तो नहीं होते थे परन्तु मेरे मित्र बड़े अच्छे थे। यहाँ मैं अपने कॉलेज की वार्षिक पत्रिका ''रचना 88 '' का संपादक भी रहा जिसकी वजह से मुझे कॉलेज के लड़के-लड़कियां पहचानने लगे। कुछ लोग जरूर ईर्ष्या करते थे। यहाँ मेरे समझ में आया कि यदि योग्यता हो तो एक गांव का लड़का भी शहर की भीड़ में अपना नाम बना सकता है। यहाँ मेरे दोस्तों में खास रहे - संजय खाड़े, राजीव जौहरी, नीता रोटे, जीतेन्द्र अरोड़ा, संजय खन्ना, शेखर पाथराबे, अनिल कवड़कर, संदीप वर्मा, आदि। 



            1990 में पॉलिटेक्निक पास करके मैं नौकरी की तलाश में फिर से भोपाल गया।  जहाँ मैंने लिली टाकीज के पास एक स्टेबलाइजर बनाने वाली फैक्ट्री में कुछ दिन काम किया।  फिर सपना एलेक्रॉनिक्स पीर गेट और भटेजा इंस्टिट्यूट गौतम नगर में दो साल तक काम किया परन्तु कोई ढंग की जॉब नहीं मिली। मैंने वहां और लोगों के साथ मिलकर कई छोटे मोटे टेक्निकल काम किये।  गैस कांड वाली फैक्ट्री के मैंटनेंस का काम भी किया। इसी दरमियान मैंने यहाँ कई कलाकारों को देखा जैसे -  शबाना आज़मी, शर्मीला टैगोर, हरिओम शरण, नदिनी शरण, रविंद्र जैन, ए हरिहरन, डॉ अचला नागर, आदि।  यहाँ मेरे दोस्त रहे - अनवर अली, सोनीजी, भटेजा सर, साबिया अली भाभी, मौलाना साहेब, गुप्ताजी, उमेश तरकसवार, आदि। एक दिन लगा कि यहाँ अपना कुछ नहीं होगा तो मैं सब कुछ छोड़ छाड़ कर बैतूल आ गया।  


 

            जहाँ मैंने 16 अप्रैल 1993 को ''संवाद टेक्निकल एंड इंग्लिश इंस्टिट्यूट'' आरम्भ किया। हमारी शुरुआत बहुत अच्छी रही। इस  समय हमारी संस्था में एडमिशन के लिए वेटिंग लिस्ट लगती थी। इसी दरमियान मैंने प्राइवेट स्टूडेंट के रूप में डॉ हरी सिंह गौर यूनिवर्सिटी, सागर से इंग्लिश सब्जेक्ट से  पहले बी ए फिर एम ए कर लिया।  फिर 1996 में मेरा विवाह हो गया और कुछ वर्षों बाद हम अपने स्वयं के घर में शिफ्ट हो गए। यहाँ हमने अनेक सांस्कृतिक और सांगीतिक कार्यक्रम किये हैं। खास तौर पर साल 1998, 1999, 2000, 2004, 2011, 2012, 2019 और 2021 में बड़े संगीत समारोहों का आयोजन हमने किया।  इसी दरमियान मैंने भोपाल स्थित इंग्लिश न्यूज़ पेपर ''एम पी क्रॉनिकल '' के लिए लेटर, आर्टिकल और पोयम्स लिखी थी।  यह सिलसिला लगभग दो साल चला फिर पता नहीं किसी कारण यह क्रम छूट गया। मैंने कई किताबें इंग्लिश लैंग्वेज और पर्सनालिटी डेवलपमेंट और कॅरियर गाइडेंस पर लिखी हैं।  आज भी मैं किसी बच्चे या व्यक्ति  को कौन सा सब्जेक्ट लेना चाहिए, यह पता करने के लिए लोगों की लिए काउन्सलिंग करता हूँ। 



            हमने सन 2012 में एक साहित्य संकलन ''भोर के तारे 2012 '' प्रकाशित किया और फिर अभी लगभग 40 अन्य रचनाकारों के साथ पुनः एक संकलन ''काव्यगाथा / भोर के तारे 2023 '' प्रकाशित किया है।  इस से पहले भी ''सामाजिक अंतरंग'', ''सम्यक टाइम्स '', ''इंग्लिश टुडे '' और ''इंग्लिश फॉर यू '' नाम से मासिक पत्रिकाएं हम प्रकाशित कर चुके हैं। इस दरमियान मैं बहुत से अच्छे लोगों से मिला जैसे - राजेश पचोलिया, अशोक सहाने, राजेश साबले, दिनेश खांडेकर, अखिलेश जैन, हिरेंद्र शर्मा, हरीश कोडले, अखिलेश परिहार, देवेन्द्र ठाकुर, अजय पवार, राजकुमार गोहिते, राकेश टिकमे, दीपक मेटकर, लक्ष्मण श्रृंगारे, तुलाराम साहू, डॉ भूमरकार, अकरम भाई, शफीक खान, इमरान खान, राजेश सरियाम आदि वर्तमान में हम निम्नलिखित ब्लॉग और यू ट्यूब चैनल चला रहे हैं जो विद्यार्थियों और कलाकारों तथा व्यवसाइयों के लिए उपयोगी हैं। Thanks! 

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